एसडीआईएमटी में राष्ट्रीय हरित अधिकरण,एन0जी0टी0, द्वारा मौसम परिवर्तन एवं नदियां पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ

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स्वामी दर्शनानन्द इंस्टिट्यूट आॅफ मैंनेजमंेट एण्ड टैक्नोलाॅजी में ‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण’ (एन0जी0टी0) द्वारा मौसम परिवर्तन एवं नदियां पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ
हरिद्वार । स्वामी दर्शनानन्द इंस्टिट्यूट आॅफ मैंनेजमंेट एण्ड टैक्नोलाॅजी संस्थान में ‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण’ (एन0जी0टी0) द्वारा मौसम परिवर्तन एवं नदियां पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर स्वामी दर्शनानन्द गुरूकुल के विद्यार्थियों द्वारा माननीय न्यायमूर्ति श्री अरूण कुमार त्यागी जी, न्यायिक सदस्य, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली का स्वागत शंखनाद एवं मंत्रोंचारण द्वारा किया गया। वे कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। संस्थान की निदेशक डाॅ0 जयलक्ष्मी ने मुख्य अतिथि माननीय अरूण कुमार त्यागी जी को रूद्राक्ष माला, शाॅल एवं प्लांटर भेंट कर स्वागत किया गया एवं विशिष्ठ अतिथि श्रीमान रमन कांत जी, रीवरमैन एवं अध्यक्ष भारतीय नदी परिषद का स्वागत स्वामी विरक्त देव जी, श्री राजेन्द्र कठैत, प्रदूषण अधिकारी का स्वागत प्रधानाचार्य अशोक गौतम, श्री विकास त्यागी, एक्जीक्यूटीव इंजीनियर, उत्तरी गंग नहर, हरिद्वार एवं रूड़की का स्वागत स्वामी मुंकुद देव जी द्वारा शाॅल, रूद्राक्ष माला एवं प्लांटर भेंट कर किया गया।
इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति श्री अरूण कुमार त्यागी जी ने एन0जी0टी0 के बारे मंे विस्तार से बताया और कहा कि आज कल लोगों द्वारा एन0जी0टी0का उलंघन करने का ही परिणाम है कि मौसम में परिर्वत हो रहा है। नदियों को नालों का रूप देकर वहाँ अधिकरण किया जा रहा है। पेड़ो को काटा जा रहा है, जिसकी वजह से बाढ़, भूस्खलन आदि से पर्यावरण को हानि हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले समय में हम पेंड़ों की पूजा करते थे और उनको काटने से पहले उनकी अनुमति लेना जरूरी माना जाता था और प्रर्यावरण को बचाने के लिए पशु, पक्षियों की भी ईश्वरीय रूप में पूजा की जाती थी। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतवर्ष का निर्माणकर्ता भी बताया जो हमारे स्वच्छ एवं हरित प्रर्यावरण की नीवं है। उन्हांेने बताया कि आज स्वामी दर्शनानन्द गुरूकुल महाविद्यालय में आकर मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूँ गुरूकुल के विद्यार्थियों द्वारा शंखनाद एवं मंत्रोंच्चारण ने मेरी अंतरात्मा को मंत्रमुग्ध कर दिया। भविष्य में यदि मुझे मौका मिलेगा तो मैं यहां आकर शिक्षा ग्रहण करना चाहंुगा। स्वामी विरक्त देव ने अतिथियों को गुरूकुल परिसर का भ्रमण कराया एवं यहां रहकर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों के रहन-सहन की व्यवस्था देखी ।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक्स अंजुम सिद्दकी, रजिस्ट्रार अनुराग गुप्ता, पंकज चैधरी, विकास अग्रवाल, धरणीधर वाग्ले, वर्षा रानी, सुधांशु जगता, त्रिशु अवस्थी, कशिश धीमान, ज्योति राजपूत, आशीष कुमार, उमेश, देवेन्द्र रावत, दिलखुश के साथ-साथ संस्थान के सभी छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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