30 सालों से साइकल पर चलने वाले साइकल मैन जिन्होंने दहेज के प्रति जागरुकता के लिए किया देशभर के सफर

 

देहरादून – देश मे दहेज के लिए लाखों बेटियों को जलना पड़ा है. देश की बेटियों को दहेज प्रथा से बचाने और लोगों को जागरूक करने के लिए पिछले 30 वर्षों से एक व्यक्ति देशभर का भ्रमण कर रहा है.
हम बात कर रहे हैं भाउसाहेब विट्ठलराव भवर की, जो महाराष्ट्र के जालना जिले के हसनाबाद के निवासी हैं.

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दरअसल, साईक्लिस्ट के नाम से मशहूर भाउसाहेब विट्ठलराव भवर देहरादून पहुंचे और देहरादून यातायात पुलिस द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए.

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भाउसाहेब विट्ठलराव भवर ने देहरादून के दून वैली स्कूल और सनातन धर्म इंटर कॉलेज रेसकोर्स बन्नू स्कूल में जाकर बच्चों को नशे से दूर रहना,कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरितियों को दूर करने के लिये जागरुकता कार्यक्रम किया. इसी के साथ ही उन्होंने बच्चों को साइकल चलने का महत्व और फ़ायदे भी बताए.
इस कार्यक्रम में निरीक्षक सीपीयू नरेश भौर्याल ने यातायात नियमों का पालन करने के संबंध में बच्चों को जागरुक किया गया.

साइकिल मैन भाउसाहेब विट्ठलराव भवर ने बताया कि समाज में बेटियों के साथ दहेज उत्पीड़न को देखकर उन्हें बहुत दुख होता था. इसलिए उन्होंने साल 1993 समाज को दहेज के प्रति जागरुक करने के लिये अपना घर छोड़कर पूरे देश को ही अपना घर माना, इनके पास न मोबाईल फोन, न ही कोई बैंक खाता है . आमजन को भी साईकिलिंग करने के लिये प्रेरित करते हैं ताकि बीमारियों से बचा जा सके. इनका मानना है कि इनके इस प्रयास से समाज का एक भी व्यकित जागरुक हो तो इनका मिशन कामयाब होगा .सन1993 से अब तक इन्होने 10 साईकिल बदली हैं.

विगत 30 वर्षों से समाज नशे से दूर रहना,कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा के संबंध में जागरुक करने में देश के कोने -कोने तक भ्रमण कर चुके हे.

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