हरिद्वार।रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय,चित्रकूट के कुलपति डॉ शिशिर पाण्डेय ने गंगाजल से नित्य स्नान करने पर विभिन्न रोगों से छुटकारा प्रदान करने वाला बताया। श्री पांडेय दिव्य गंगा सेवा मिशन हरिद्वार और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय,गुरुकुलकांगड़ी, हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दिव्य गंगा महोत्सव के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने ऐसे आयोजन की सार्थकता को और अति व्यापक स्वरूप में जनांदोलन का रूप धारण करने हेतु महनीय बताया।
कार्यक्रम को बतौर अध्यक्ष सम्बोधित करते हुए उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय,देहरादून के कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी ने कहा कि गंगा मनुष्यों के जन्मजन्मांतर के कृत पापों को न केवल स्नान मात्र,आचमन और दर्शन से ही शमन करती हैं अपितु आधुनिक चिकित्साशास्त्र इस बात की भी पुष्टि करता है कि गंगाजल में अनेक प्रकार के रोगों और व्याधियों को समाप्त करने का नैसर्गिक औषधीय गुण है। कार्यक्रम को बतौर विशिष्ट अतिथि सम्बोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल उद्बोधक स्वामी आशुतोष जी महाराज ने कहा कि गंगा के तटीय क्षेत्रों की संस्कृति विरासत आदिकाल से अन्य नदियों के किनारों पर पनपने वाली सभ्यताओं से आज भी श्लाघनीय है।यह संस्कारों की परिमार्जक और अंतर्मन की शुद्धि का साधन है। ज्ञातव्य है कि स्वामी आशुतोष के सानिध्य में ही तिहाड़ जेल में आजीवन सजा प्राप्त 25 दुर्दांत कैदियों को हरिद्वार में एक महीने तक नियमित स्नान कराकर और सत्संगति के चलते उनके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आया। आशुतोष महाराज देश के पहले ऐसे संत हैं जो जेलों में बंद कैदियों के उद्धार और गंगा की सर्वव्यापक्ता पर कार्य करते हैं।
कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन भगवान धन्वंतरि और माता गंगा के चित्र पर कुलपति द्वय द्वारा दीप प्रज्वलन और पुष्पार्चन से हुआ।जिसके पश्चात आयुष विश्वविद्यालय सहित अनेक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह को जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में देशभर से आए शोध छात्रों और आचार्यों ने गंगाजल और आयुर्वेद पर अपने नवीन शोधों का वाचन किया जिसके पश्चात राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जो देर रात चलता रहा।
कार्यक्रम को गंगा समग्र के प्रांत संगठन मंत्री ब्रज प्रांत विजय जी वरिष्ठ साहित्यकार ज्योतिषविद डाॅ.नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर ,ललित मोहन सक्सेना,उत्तराखंड की सहायक सूचना निदेशक अर्चना,आईआईटी रुड़की के सब रजिस्ट्रार महावीर सिंह वीर ,प्रदीप मिश्र अजनबी सहित शताधिक विद्वानों ने संबोधित करते हुए गंगा की उपादेयता और स्वच्छता की अपरिहार्यता को देश की आवश्यकता बताया। कवि सम्मेलन सहित पूरे कार्यक्रम का संचालन मनीष श्रीवास्तव रुड़की तथा सीमा शर्मा मंजरी दिल्ली ने किया।
इस अवसर पर दिव्य गंगा सेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश दुबे, राष्ट्रीय संयोजक केशव पाण्डेय,राष्ट्रीय सचिव इंद्रेश शर्मा, प्रख्यात पत्रकार डाॅ.शिवेश्वर पाण्डेय,
मंजुल चतुर्वेदी,मनोज शुक्ला,अशोक शुक्ला,विनय पाण्डेय, डाॅ.शैलेश तिवारी, संजय वत्स, अभिषेक तिवारी,पूनम धस्माना, हिमांशु प्रजापति,रंजीता झा, तरुण शुक्ला, उदय राज मिश्रा,धनंजय मणि त्रिपाठी,आदि का विशेष योगदान रहा।