देहरादून में सम्पन्न हुआ आठवां राष्ट्रीय पोषण माह 2025,2047 तक सुपोषित भारत बनाने का किया आह्वान
श्रीमती सावित्री ठाकुर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित रहीं
देशभर में पोषण माह 2025 के दौरान 20 करोड़ से अधिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिससे पोषण जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन के जन आंदोलन को बल मिला : श्रीमती सावित्री ठाकुर
इस वर्ष का पोषण अभियान खास रहा क्यूंकि इस बार महिलाओं के साथ पुरुषों को भी अभियान में भागीदार बनाया गया : श्रीमती सावित्री ठाकुर
श्री लव अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने पोषण ट्रैकर के माध्यम से वास्तविक समय में डिजिटल निगरानी और मिशन पोषण 2.0 के तहत मापनीय प्रभाव को रेखांकित किया
देशभर में 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं
13 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पोषण ट्रैकर ऐप से जुड़े स्मार्टफोन प्रदान किए गए हैं, जिससे सटीक डेटा और समय पर पोषण सहायता सुनिश्चित हो रही है
पोषण अभियान की सफलता का श्रेय देश की लाखों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, विभाग से जुड़े लोगों को जाता है : केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी
देहरादून : आठवें राष्ट्रीय पोषण माह 2025 का समापन समारोह शुक्रवार को हिमालयन कल्चरल सेण्टर, देहरादून में आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। यह आयोजन पोषण जागरूकता, सामुदायिक सहभागिता और व्यवहार परिवर्तन को समर्पित एक माह लंबे जन आंदोलन के समापन का प्रतीक रहा। समारोह में उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, उत्तराखंड के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री श्री गणेश जोशी, भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री लव अग्रवाल, उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री चंद्रेश कुमार यादव तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव श्रीमती राधिका झा भी उपस्थित रहीं।
राष्ट्रीय पोषण माह के समापन अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा कि पोषण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह भारत के प्रत्येक बच्चे और माँ के प्रति हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी और नैतिक प्रतिबद्धता है।” उन्होंने कहा कि 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किया गया पोषण अभियान अब एक परिवर्तनकारी जन आंदोलन बन चुका है, जो अनेक मंत्रालयों और नागरिकों को एक साझा दृष्टिकोण — “सशक्त नारी, सुपोषित भारत” के तहत जोड़ता है। उन्होंने कहा कि जीवन के पहले 1000 दिन गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दो वर्ष की आयु तक विकास और वृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ माँ एक सशक्त पीढ़ी को जन्म देती है, जब हर घर की थाली संतुलित होती है, तभी देश सशक्त बनता है।
केंद्रीय मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार के महत्व पर बल देते हुए कहा कि महिलाएँ प्रत्येक परिवार की आधारशिला हैं। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि मोटापा आज एक बड़ी समस्या बन चुका है, और पोषण माह का उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से पोषण को एक जन आंदोलन बनाना है। उन्होंने कहा कि इस बार का पोषण माह इसलिए भी खास रहा क्यूंकि इस बार केवल महिलाएँ ही नहीं, बल्कि पुरुष और युवा भी पोषण माह का अभिन्न हिस्सा बने हैं, जिससे यह वास्तव में समावेशी अभियान बना। उन्होंने कहा कि आज के सुपोषित भारत के बच्चे ही वर्ष 2047 के सुपोषित भारत के नागरिक होंगे। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की भी सराहना की और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।
श्रीमती ठाकुर ने पोषण माह में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं व आंगनवाड़ी बहनों के समर्पण की प्रशंसा की। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि पोषण माह किसी समापन का प्रतीक नहीं, बल्कि एक आरंभ है, ऐसा जन आंदोलन, जो देश के प्रत्येक घर तक पहुँचना चाहिए।
इससे पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव श्री लव अग्रवाल ने मिशन पोषण 2.0 के तहत हुई प्रगति प्रस्तुत की और बताया कि किस प्रकार आधुनिक उपकरणों, वास्तविक समय निगरानी और डिजिटल शासन ने सेवा वितरण और पारदर्शिता को मजबूत किया है।
श्री अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों, जिनमें बच्चे, गर्भवती महिलाएँ, स्तनपान कराने वाली माताएँ और किशोरियाँ शामिल हैं को सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। श्री अग्रवाल ने पोषण ट्रैकर एप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पोषण ट्रैकर की शुरुआत ने सेवा वितरण और लाभार्थी प्रबंधन की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि 13 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को पोषण ट्रैकर ऐप से जुड़े स्मार्टफोन प्रदान किए गए हैं, जिससे सटीक डेटा और समय पर पोषण सहायता सुनिश्चित हो रही है। इसी तरह 13.87 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों पर ग्रोथ मॉनिटरिंग उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होंने बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सुर्वे -5 (एनएफएचएस-5) NFHS-5 के आँकड़ों के अनुसार देश में कुपोषण के प्रमुख संकेतकों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। ठिगनापन 38.4% से घटकर 35.5% हुआ है और कम वजन की दर 35.8% से घटकर 32.1% हो गई है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े केवल संख्याएँ नहीं हैं, बल्कि लाखों बच्चों के जीवन में आशा की नई किरण हैं जो कुपोषण से पोषण की ओर बढ़ रहे हैं।”
श्री अग्रवाल ने बताया कि 2 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के रूप में उन्नत किया जा रहा है, जिन्हें स्वच्छ जल, स्वच्छता, ईसीसीई शिक्षण सामग्री और डिजिटल उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे सुपोषित भारत 2047 की नींव रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पास आज जो अवसर है, वह केवल योजनाओं को लागू करने का नहीं, बल्कि एक ऐसी पीढ़ी को तैयार करने का है जो 2047 में भारत की अमृत पीढ़ी कहलाएगी— स्वस्थ, शिक्षित, सशक्त और संवेदनशील।
इस अवसर पर श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण ही “सोने की चिड़िया वाले भारत” की असली ताकत है। उन्होंने केंद्र सरकार और मंत्रालय के निरंतर प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पोषण ट्रैकर के माध्यम से प्राप्त वास्तविक समय डेटा ने सेवा वितरण को अधिक पारदर्शी और मापनीय बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस ट्रैकर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त किया है और जवाबदेही सुनिश्चित की है। इसे उन्होंने “जमीनी प्रतिबद्धता पर भरोसे की मुहर” कहा।
श्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में एनीमिया के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पोषण और स्थानीय कृषि दोनों के लिए “गेम-चेंजर” साबित हुआ है। श्री जोशी ने कहा कि स्थानीय उत्पाद और पारंपरिक भोजन भारत की पोषण आत्मनिर्भरता की रीढ़ है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सावित्री ठाकुर ने इस दौरान उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और स्टाल्स पर मौजूद लोगों और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से स्टाल्स पर मौजूद सामग्री की जानकरी ली। इस दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड के मिल्लेट्स जैसे कोदों, कांवणी, झंगोरा आदि से बने लोकल उत्पादों के बारे में भी जानकरी ली।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के तहत पोषण चैंपियंस को सम्मानित किया और किशोरियों को महालक्ष्मी किट का वितरण भी किया। साथ ही मिशन शक्ति चैंपियंस को भी सम्मानित किया गया। श्रीमती ठाकुर ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत रूपए एक करोड़ 56 लाख 33 हज़ार की किस्त राज्य के 5211 लाभार्थियों को ट्रांसफर की।
कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी का विडियो सन्देश भी प्रसारित किया गया] जिसमें उन्होंने कहा कि पोषण अभियान के तहत भारत सरकार की कोशिश है कि हर बच्चा स्वस्थ हो, हर माँ सशक्त हो। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के धार से पोषण अभियान का शुभारम्भ किया तो उन्होंने सन्देश देते हुआ कहा था कि स्वस्थ नारी सशक्त परिवार विकसित भारत कि आधारशिला है । उन्होंने कहा की 2018 में शुरू हुआ राष्ट्रीय पोषण अभियान आज एक जन आन्दोलन बना गया है। उन्होंने कहा की पोषण अभियान की सफलता का श्रेय देश की लाखों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, विभाग से जुड़े लोगों को जाता है।
इस वर्ष का आठवाँ पोषण माह छह प्रमुख थीम, सजग भोजन, प्रारंभिक बाल देखभाल एवं शिक्षा, शिशु एवं छोटे बच्चों के लिए पोषण व्यवहार, पुरुषों की भागीदारी, वोकल फॉर लोकल, और समन्वित प्रयास एवं डिजिटलीकरण, पर केंद्रित था, जिसने न केवल वर्तमान में एक आम नागरिक को जागरूक किया, बल्कि वर्ष 2047 के भारत के लिए एक दूरदर्शी नींव भी रखी है।