भारत बना स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग करने वाला चौथा देश, इसरो के वैज्ञानिकों को पीएम मोदी ने दी बधाई

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देहरादून/ रिया दुबे: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसरो ने स्पेडेक्स मिशन की मदद से दो उपग्रहों को जोड़ने का चौथा प्रयास किया जो सफल रहा है। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत इस लक्ष्य को हासिल करने में चौथा देश बन गया है। इसरो ने ‘एक्स’ पोस्ट पर कहा ” सुप्रभात भारत! इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग’ में ऐतिहासिक सफलता
हासिल की है।

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स्पेस डॉकिंग का मतलब है कि दो उपग्रहों को आपस में जोड़ना। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 30 दिसंबर को PSLV-C60 रॉकेट से 470 किमी की ऊंचाई पर दो छोटे स्पेसक्राफ्ट टारगेट और चेजर को अलग-अलग कक्षाओं में लॉन्च किया गया था। डिप्लॉयमेंट के बाद, दोनों स्पेसक्राफ्ट्स की स्पीड लगभग 28,800 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई। ये रफ्तार बुलेट की स्पीड से 10 गुना अधिक थी । वहीं दोनों स्पेसक्राफ्ट्स के बीच सीधा कम्युनिकेशन लिंक नहीं किया गया और इन्हें जमीन से गाइड किया गया। दोनों स्पेसक्रॉफ्ट को एक-दूसरे के नजदीक लाया गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे 2 सालों तक वैल्युएबल डेटा उपलब्ध रहेगा। इसरो की स्पेडेक्स मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने वैज्ञानिक को बधाई दी है।

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दिसंबर 2024 में शुरू किया था। दो छोटे उपग्रहों, एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने ‘लॉन्चपैड’ से उड़ान भरी थी और उड़ान भरने के 15 मिनट बाद लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्षयान को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था। डॉकिंग और अंडॉकिंग प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका चंद्रयान- 4 में होगी। SpaDeX मिशन के सफल डॉकिंग प्रक्रिया ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में एक और बड़ी कामयाबी हासिल करने में मदद करेगी।

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