*भारत की आत्मा को समझने में पब्लिक रिलेशंस की भूमिका अत्यंत उपयोगी – राज्यपाल*
*एआई और क्वांटम टेक्नोलॉजी के युग में पीआर का दायित्व और बढ़ा – राज्यपाल*
देहरादून । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से शनिवार को लोक भवन में पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट कर 13 से 15 दिसंबर तक देहरादून में आयोजित होने वाली 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस के लिए आमंत्रित किया।
राज्यपाल ने कहा कि पब्लिक रिलेशंस भारत की आत्मा, उसकी सांस्कृतिक मूल्यों और जन-भावनाओं को समझने तथा उन्हें सही रूप में अभिव्यक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत @ 2047 के संकल्प को साकार करने में जन संपर्क की सहभागिता अनिवार्य है, क्योंकि बिना प्रभावी कम्युनिकेशन के विकास की गति मजबूत नहीं हो सकती।
राज्यपाल ने आधुनिक युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी तथा अन्य अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग को पब्लिक रिलेशंस क्षेत्र के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकें तभी सार्थक हैं जब उनका उपयोग भारतीय संस्कृति और समाज की जड़ों से जुड़कर किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जन संपर्क केवल संदेश पहुँचाने तक सीमित न रहे, बल्कि मार्गदर्शन और नेतृत्व देने की भूमिका भी निभाए। सोशल मीडिया के प्रभावी और जिम्मेदार उपयोग पर बल देते हुए राज्यपाल ने कहा कि सकारात्मक, तथ्यपूर्ण और जनहितकारी संचार ही समाज को दिशा दे सकता है।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को अधिवेशन का ब्रोशर भेंट करते हुए संस्था की गतिविधियों एवं उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि इस वर्ष अधिवेशन का मुख्य विषय “विकसित भारत @ 2047 में जनसंपर्क की भूमिका” निर्धारित किया गया है। सम्मेलन में देशभर के विभिन्न राज्यों से 300 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष को ध्यान में रखते हुए अधिवेशन में राज्य की विकास यात्रा, उपलब्धियों तथा भविष्य की संभावनाओं पर विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि बिजारनिया, सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सदस्य संजय भार्गव, वैभव गोयल उपस्थित थे।
