रिपोर्ट-दीपिका गौड़
आपने कई बार आरटीआई या सूचना के अधिकार के बारे में सुना होगा। जनहित से जुड़े मुद्दों पर सूचना लेने के लिए सूचना के अधिकार का प्रयोग किया जाता है आज हम आपको बताएंगे कि सूचना का अधिकार यानी आईटीआई क्या है और कैसे लगाई जाती है ?
आरटीआई क्या है ?
सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून नागरिक को जानने का अधिकार (Right to information) या सूचना लेने के अधिकार का हक देता है, हर नागरिक को सूचना लेने का अधिकार है।
आरटीआई कौन लगा सकता है ?
कोई भी व्यक्ति जो भारतीय नागरिक है किसी भी सरकारी संगठन से जानकारी प्राप्त कर सकता है या इसके लिए आवेदन भी कर सकता है यह जरूरी नहीं है कि जो आवेदक सूचना मांग रहा है, वह उसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का हो जहां से वह सूचना मांगी गई हो।
आरटीआई कैसे काम करती है?
हर नागरिक को सूचना लेने का अधिकार (Right to information) है, इसके तहत आप सरकार से कोई भी सूचना मांग सकते हैं, सरकारी निर्णय की प्रति ले सकते हैं, सरकारी दस्तावेजों का निरीक्षण कर सकते हैं सरकारी कार्य का निरीक्षण कर सकते हैं या सरकारी कार्य के पदार्थ के नमूने ले सकते हैं।
आरटीआई से क्या होता है?
आरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार (Right to information) और इसे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है, धारा 19 (1) जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का पूरा अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्या भूमिका है इसके क्या कार्य हैं आदि।
सूचना का अधिकार कैसे लिखें ?
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगने हेतु दिए जाने वाले आवेदन डाउनलोड करके, अब मित्रों केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप ₹ 20 देते हैं और एक A4 size पेपर की कॉपी मांगने के ₹ 2 देते हैं, हर राज्य का सूचना अधिकार के तहत आवेदन (RTI) शुल्क अलग-अलग है जिसका पता आप कर सकते हैं।
आरटीआई के आवश्यक नियम-
यदि आप भारत के नागरिक है तो आप इसके अंतर्गत आवेदन कर के किसी भी सरकारी दफ्तर से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आप किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से जानकारी हासिल कर सकते हैं और इसमें सभी केंद्रीय राज्य और स्थानीय संस्थाएं आती है जिनकी स्थापना संविधान के अंतर्गत हुई है।
आरटीआई का आवेदन कहां – कहां किया जा सकता है?
भारत का कोई भी नागरिक आरटीआई कानून के तहत ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन आवेदन कर सकता है, ऑनलाइन जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई के ऑनलाइन पोर्टल यानी www.rtionline.gov.in में जाकर आवेदन करना होता है, या फिर इसके लिए आप रजिस्टर किए बिना ऑफ़लाइन भी आवेदन कर सकते हैं।
आरटीआई ऑफलाइन फाइल कैसे करें ?
आप अपने आवेदन पत्र को निर्धारित फॉर्मेट में लिखकर अथवा सफेद सादे कागज पर वांछित जानकारी लिखकर जन सूचना अधिकारी के पास जमा करके जानकारी प्राप्त करते हैं।
हर सरकारी विभाग में सूचना अधिकारी होता है आपको आवेदन पत्र को उनके पास जमा कराना होता है।
आरटीआई की पहली अपील कैसे की जाती है ?
प्रथम अपील आप डाक द्वारा या फिर व्यक्तिगत रूप से संबंधित कार्यालय में जाकर जमा कर सकते हैं। प्रथम अपील के साथ आरटीआई आवेदन, लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना (यदि उपलब्ध कराई गई है तो) एवं आरटीआई आवेदन के साथ दिए गए शुल्क की रसीद आदि की फोटो कॉपी अपने कागजों के साथ लगाना ना भूले।
आरटीआई लगाने में कितना पैसा लगता है ?
धारा 6 के उपधारा (1) के अधीन सूचना अभिप्राप्त करने के लिए कोई भी अनुरोध ₹ 10 की आवेदन फीस के साथ होगा, जो समुचित रसीद के विरुद्ध नगद के रूप में या मांग देय ड्राफ्ट या बैंकर चेक के रूप में होगी, जो लोक प्राधिकरण के लेखा अधिकारी का संदेह होगा।
धारा 7 (5) इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नहीं देना होता है।
आरटीआई का जवाब कितने दिनों में आता है?
धारा 7 (6) इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन के अंदर नहीं आता है तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
धारा 18 अगर कोई अधिकारी जवाब नहीं देता है तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
आरटीआई का जवाब ना आने पर क्या करें ?
यदि आपको आरटीआई आवेदन दाखिल करने के 30 दिनों के अंदर सूचना नहीं मिलती है या प्राप्त सूचना से असंतुष्ट है तो आप सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 19 के तहत प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष अपनी प्रथम अपील दाखिल कर सकते हैं।
आरटीआई अधिनियम का उद्देश्य क्या है
सूचना का अधिकार अधिनियम के मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना है सरकार की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना, भ्रष्टाचार को रोकना है तथा हमारे लोकतंत्र को सही मायने में लोगों के लिए कार्य करने वाला बनाना है।