लोकसभा चुनाव की जहां जोर शोर से तैयारियां चल रही है। प्रत्याशी जल्द नामांकन भरने वाले है। वहीं अल्मोड़ा जिले के 15 गांवों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। इन गांवों ने पेयजल, सड़क जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव बहिष्कार करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के तेवर को देख चुनाव आयोग अब उन्हें मनाने में जुटा हुआ है। अब देखना दिलचस्प होगा कि ग्रामीण मानते है या चुनाव का बहिष्कार करते है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रदेश में जहां विकास के दावे किए जा रहे है वहीं अल्मोड़ा जिले के कई गांव सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में अब चुनाव से पहले जिले के 15 गांवों के ग्रामीणों ने मूलभूत समस्याओं को लेकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार का एलान किया है। ऐसे में अब चुनाव आयोग इन ग्रामीणों को मताधिकार का प्रयोग करने को मनाएगा। जिला प्रशासन ने 15 गांवों की सूची तैयार कर ली है।
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बताया जा रहा है कि चुनाव का बहिष्कार का ऐलान करने वालों में अधिकतर गांव सड़क और पेयजल की समस्याओं से ग्रसित हैं। ग्रामीणों ने पूर्व में जिला प्रशासन को चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी थी। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं बनी तो खुडयारी, बरगेटी, हटोला, पुनाइजर, कसाण, सुखाली और तलस्यारी के ग्रामीण चुनाव बहिष्कार करेंगे। वहीं दलमोटी, बलुटिया में चार किमी मोटरमार्ग नहीं बनने से आक्रोशित ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।
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गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में भी चुनाव बहिष्कार के स्वर तेजी से सुनाई दे रहे थे। कुछ गांवों के ग्रामीणों को तो प्रशासन मनाने में कामयाब रही। लेकिन जागेश्वर विधानसभा के नैणी, द्वाराहाट के बासुलीसेरा और कलोटा के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार कर दिया था। उन्होंने लोकतंत्र के महापर्व से खुद को दूर रखा। इधर इस बार प्रशासन ने बासुलीसेरा और नैणी जाकर ग्रामीणों से मतदान करने को लेकर लिखित लिया है। गांव के प्रतिनिधियों ने हर एक ग्रामीण से मताधिकार का प्रयोग करवाने को लिखित पत्र दिया है।