थाना लक्ष्मण झूला क्षेत्र के अंतर्गत घट्टू घाट में एक रिजॉर्ट मालिक और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते चार वर्षीय बालक की जान चली गई। एक बच्चे को बेहोशी की हालत में स्विमिंग पुल से बरामद किया गया। बालक को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया, जहां उसे डाक्टरों ने मृत ने मृत घोषित कर दिया। रिसार्ट संचालक की इस लापरवाही पर पुलिस प्रशासन की ओर से तहसील प्रशासन को पत्र लिखा गया है।
लक्ष्मण झूला पुलिस के अनुसार बीते रविवार को प्रियांश निवासी ग्राम रटवाई, थाना रटवाई, जिला झालावांड, राजस्थान अपने परिवार के साथ घुमने ऋषिकेश आये थे। सोमवार को वह परिवार सहित थाना लक्ष्मण झूला क्षेत्र के घट्टूघाट स्थित रिजार्ट क्रीक में रुके थे। रात्रि करीब 08.30 बजे जब रिजार्ट से जाने के लिये तैयार हुये तो उनका बच्चा अदवय उनके पास नही था।
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रिजार्ट में चारों तरफ अंधेरा व झाड़ियां होने के कारण काफी देर ढूंढने के पश्चात अदवय स्विमिंग पुल में बेहोशी की हालत में मिला। जिसके तुरन्त रेस्क्यू कर उपचार हेतु एम्स अस्पताल ले जाया गया। एम्स अस्पताल में डाक्टरों द्वारा अदवय को मृत घोषित कर दिया गया। बालक के परिवार का आरोप है कि रिजार्ट में स्विमिंग पुल पर कोई सुरक्षा गार्ड व लाईफ गार्ड नही था, ना ही प्रकाश की उचित व्यवस्था थी।
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थाना प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि प्रथम दृष्टया अदवय चार वर्ष पुत्र प्रियांश की मृत्यु स्विमिंग पुल में डूबने और रिजार्ट प्रबन्धन की लापरवाही व रिजार्ट प्रबन्धन द्वारा मानको का पालन ना करने का कारण हुयी है। परिजनो द्वारा भी रिजार्ट प्रबन्धन पर लापरवाही के आरोप लगाये गये है। जिस कारण आम जनता की सुरक्षा के दृष्टिगत क्रीक रिजार्ट के मानको की जांच कराया जाना नितान्त आवश्यक है। इस संबंध में जिला और तहसील प्रशासन को लिखा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी।
आपको बता दें कि घट्टु घाट सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर नियमो को ताक पर रखकर रिजॉर्ट संचालित किए जा रहे हैं, रिजॉर्ट में स्विमिंग पूल भी नियम विरुद्ध बनाए गए हैं, वहीं जिला प्रशासन भी आंखे बंद किए बैठा हुआ है, अगर प्रशासन समय रहते नियमों के विपरीत बने रिजॉर्ट और स्विमिंग पूलों पर कार्यवाही करता तो शायद आज एक मासूम बच्चे की जान बच सकती थी।