उद्यम से उत्थान: मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों से दीपा को मिला नया उद्यम

उत्तराखंड 3 Min Read
3 Min Read

हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों के क्रम में जनपद हरिद्वार के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पूवर सपोर्ट, एंटरप्राइजेज (फॉर्म & नॉन फॉर्म), सीबीओ लेवल के एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है. उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति (UGVS) के तत्वावधान में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना, ग्रामीण उद्यमों को गति देकर महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है दीपा की, जो हरिद्वार के मिस्सरपुर गाँव की निवासी हैं.

दीपा देवी, भागीरथी स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्य हैं, जिसका गठन 5 जुलाई, 2022 को हुआ था. वह रिद्धि-सिद्धि ग्राम संगठन और स्वागत सी०एल०एफ० से भी जुड़ी हुई हैं. पहले, दीपा छोटे स्तर पर सिलाई का काम करती थीं, जो उनके परिवार की आय का एकमात्र साधन था. उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत सामान्य थी और उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था.
ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की टीम ने जब बहादराबाद विकासखंड के अंतर्गत दीपा के घर पर भ्रमण किया, तो उन्होंने उनकी स्थिति को समझा और सिलाई उद्यम को बड़े स्तर पर ले जाने की उनकी इच्छा को देखा. परियोजना ने दीपा को कुल ₹57,000 की गतिविधि लागत में से ₹35,000 ब्याज मुक्त ऋण, दो वर्षों हेतु दिया. दीपा ने स्वयं के बचत से ₹7,000 का अंशदान किया. समूह और संगठन से इनके द्वारा ₹15,000 की राशि प्राप्त हुई. इस वित्तीय सहायता से दीपा अपने सिलाई के काम को बड़े पैमाने पर करने में सक्षम हो पाईं.
आज, दीपा बड़े स्तर पर सिलाई का काम कर रही हैं और प्रति माह ₹15,000 की आय अर्जित कर रही हैं. इस आय से वह अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर पा रही हैं. दीपा की कहानी ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के महत्व को दर्शाती है, जो न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है बल्कि ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करती है. यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. दीपा जैसी अनेक महिलाओं के लिए, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना आशा की किरण बनकर आई है, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी है.

Share This Article