घराट नाम सुनकर ही आपके दिमाग में घराट की तस्वीर आ गई होगी, जो पानी के बहाव से चलती है जिसे हम चक्की भी कहते हैं। यह ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में दिखाई देती है। घराट का उपयोग गेहूं, धान और अन्य मोटे अनाज पीसने के लिए किया जाता है। घराट एक पारंपरिक तकनीक है, जो पानी की शक्ति का उपयोग करके अनाज पीसती है। घराट से पिसा हुआ अनाज स्वादिष्ट होता है और ताकत देता है। आज की नई चक्कियों के कारण घराट का उपयोग कम हो गया है। घराट कुछ क्षेत्रों में अभी भी प्रयोग किया जाता है जैसे- उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और नेपाल। घराट का उपयोग पिछले कई सौ वर्षों से होता आ रहा है, इसकी शुरुआत जब मानव ने जलशक्ति का इस्तेमाल करना सीखा था तब हुई थी। घराट लकड़ी,पत्थर और लोहे से बना होता है। यह बिना किसी बिजली के चलता है यह पूरी तरह जल से निर्भर होकर चलता है। घराट के चलने का स्तर पानी से ही कम ज्यादा किया जाता है। घराट से पिसे अनाज को आज भी लोग बहुत मजे से और चाव से खाते हैं। घराट आज भी अपने इस्तेमाल से पहाड़ों पर रहने वाले लोगों का साथ देता आ रहा है।
घराट: पहाड़ों में बसता है घराट

TAGGED:घराट
Sign Up For Daily Newsletter
Be keep up! Get the latest breaking news delivered straight to your inbox.
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our Terms of Use and acknowledge the data practices in our Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.