*हरिद्वार।* आरोग्यम् अस्पताल स्थित ग्राम करौदी, भगवानपुर, रूड़की में नवनिर्मित सुसज्जित 54 बेड्ड आई०सी०यू० एवं कैथ लैब का लोकार्पण मुख्य अतिथि कैबिनट मंत्री डा० धन सिंह रावत के कर कलमों द्वारा किया गया। समारोह में रुड़की व आस पास के गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत अस्पताल प्रबंधन द्वारा गर्न जोशी से, पुष्पगुच्छों और हार्दिक आभार के साथ किया गया।
समारोह का आयोजन बड़ी धूम धाम से, छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ किया गया, जिसमें गढ़वाली प्रस्तुति ने सबका मन मौह लिया और मौजूद अतिथियों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी, जिसके उपरान्त मुख्य अतिथि द्वारा ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत पौधारोपण किया गया और आई०सी०यू० एवं कैथ लैब का लोकार्पण किया। डा० धन सिंह रावत ने आरोग्यम अस्पताल के कार्यों की प्रशन्सा की और कहा कि आरोग्यम अस्पताल का यह कदम यहां के निवासियों के लिये बहुत कारगर साबित होगा। मरीजों को अच्छे एवं उचित इलाज के लिये दूर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि आरोग्यम अस्पताल में सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।
नर्सिंग प्रधानाचार्या प्रो० नवनीता खीष्ट ने नर्सिंग कोसों पर प्रकाश डाला एवं पैरामैडिकल प्रधानाचार्य डा० राजीव कुमार कौशिक ने पैरामेडिकल कोर्सों पर प्रकाश डाला।
संस्थान के ट्रस्टी (चेयरमैन) संदीप केडिया ने भी उपस्थित सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और समारोह में उपस्थित होने के लिये हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने जानकारी दी कि आरोग्यम अस्पताल पिछले 11 वर्षों से मरीजों का अच्छा इलाज व सेवा करता चला आ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कोर्स पहले से ही संस्थान में चल रहे हैं, जहाँ क्षेत्र के छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त कर उत्तराखण्ड में ही नहीं अपितु देश विदेश में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
संस्थान के ट्रस्टी संजय सिकारिया ने बताया कि हम जल्द ही एम०बी०बी०एस० 100 बेड्ड मेडिकल कॉलेज भी बनने जा रहा है और आने वाले 2 सालों में विश्वविद्यालय बन जायेगा, जहाँ आस-पास के मेधावी छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
समारोह का समापन महाप्रबन्धक मृत्युन्जय कुमार श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों, डाक्टरों, शिक्षकों, स्टाफ और छात्र छात्राओं के प्रति उनके अमूल्य योगदान और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करने के साथ हुआ।
समरोह को सफल बनाने में संस्थान के कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।