एचटी ब्रेकिंग डेस्क. आज पूरा देश बेटी दिवस मना रहा है. समाज की बेटियों ने फ़िल्म जगत, खेल जगत, राजनीति, विज्ञान हर क्षेत्र में अपनी भूमिका दर्ज की है. वहीं सिविल सर्विसेज में भी महिलाएं ऊंचे पदों पर भी तैनात हैं. पहली IPS महिला अधिकारी (Lady IPS Officer)
किरण बेदी की तरह अब महिलाओं ने सिविल सेवा में अपनी धाक जमा ली है. आज हम आपको भारत की टॉप IPS महिला अधिकारियों (Lady IPS Officers)
के बारे में बता रहे हैं.
- Advertisement -
यह भी पढ़ें- ट्रिपल राइडिंग मोटरसाइकिल चलाकर जा रहे थे युवा, आरटीओ की चैकिंग के दौरान भगाई गाड़ी, हुआ हादसा
- Advertisement -
एक IPS अधिकारी बनना आज करोड़ो युवाओं का सपना है जिनमें से कई लड़कियां भी होंगी और देश की Lady IPS Officers उनकी प्रेरणा बन रहीं हैं.
किरण बेदी
देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी ( First Lady IPS Officer) के रूप में इतिहास रचने वाली किरण बेदी (Kiran Bedi) एक सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो मौजूदा वक्त में पुद्देचरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर भी रहीं . साल 1972 में वह भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने वाली वह पहली महिला थीं. इन्होंने साल 2007 में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक के साथ ही स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली. वह 35 साल कर सेवा में बनी रहीं।
किरण बेदी जब दिल्ली में जेल इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) के रूप में तैनात रहीं तब के उनके कामों को ज्यादा चर्चाओं में लिया जाता है. उन्होंने देश की बड़ी जेल तिहाड़ में कई सुधार किए.
जिसके बाद वह दुनियाभर के लोगों में चर्चा का विषय बन गयी. साल 1994 में उन्हें रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
साल 2003 में संयुक्त राष्ट्र के पीस कीपिंग ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में उन्हें यूएन महासचिव के पुलिस सलाहकार के रूप में नियुक्ति मिली थी. यहां भी वह पहली भारतीय महिला ( First Lady IPS Officer) थी . उन्होंने सामाजिक सक्रियता और लेखन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2007 में इस्तीफा दे दिया. किरण बेदी ने कई पुस्तकें लिखी हैं और वह ‘इंडिया विजन फाउंडेशन’ को भी संचालित करती हैं।
विमला मेहरा
यह देश की पहली महिला विशेष आयुक्त बनी थी .वह एकमात्र ऐसी महिला है जिसने दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार विशेष आयुक्त पुलिस (प्रशासन) के अहम पद का दायित्व निभाया है.
उन्हें किरण बेदी के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल की दूसरी महिला महानिदेशक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने महिला कैदियों की शिक्षा पर काम किया. उन्होंने जेल में एक कैदियों के लिए विदेशी भाषा के पाठ्यक्रमों की शुरूआत की. महिला अपराध शाखा के प्रमुख के रूप में विमला मेहरा द्वारा महिला हेल्पलाइन (1091) की शुरूआत की गयी. एक महिला पुलिस अधिकारी के रूप में उन्हें महिलाओं से जुड़े सभी केस में जांच अधिकारी (आईओ) बनाया गया था, उन्होंने महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की.
यह भी पढ़ें- आरटीआई किसे कहते हैं, आरटीआई कैसे करते हैं, पढ़िए पूरी खबर-
संजुक्ता पराशर
अगर इनकी बात करें तो संजुक्ता पराशर (Sanjukta Parashpar) 2006 बैच की एक IPS अधिकारी ( Lady IPS Officer) हैं. उन्होंने नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बैचलर्स की पढ़ाई पूरी की और बाद में मास्टर्स की पढाई, एम. फिल और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रवेश किया. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पूरे भारत में 85 वीं रैंकिग हासिल की थी.
इन्हें पहली बार 2008 में मकुम में सहायक कमांडेंट के रूप में तैनात किया गया था. जल्द ही उन्हें बोडो और अवैध बांग्लादेशी उग्रवादियों के बीच हुए संघर्षों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी मिल गई थी.
उन्होंने महज 15 महीनों के भीतर ही 16 आतंकियों को मार गिराया और 64 से ज्यादा को गिरफ्तार करते हुए उनके हथियारों और गोला-बारूद जब्त किया. अलगाववादी विद्रोहियों के खिलाफ मुकाबला करने के लिए उन्होंने असम की जंगलों में अपनी टीम का नेतृत्व किया और कई बार अपनी ड्यूटी के लिए मौत से भी लड़ गई.
अर्चना रामासुंदरम
1980 बैच की IPS अधिकारी ( Lady IPS Officer) अर्चना रामासुंदरम (Archana Ram sundaram) ने राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर किया हैं, जहां उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में नियुक्त होने से पहले एक व्याख्याता (लेक्चरर) के रूप में भी काम किया था. सिविल सेवा में आने पर उन्हें तमिलनाडु कैडर आवंटित किया गया.
उन्होंने एसपी (प्रोहिबिशन एनफोर्समेंट विंग) के रूप में भी काम किया जहां उन्होंने बड़ी संख्या में बूटलेगर व अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी.
मीरा बोरवणकर
मीरा बोरवणकर (Meera Bonwankar) महाराष्ट्र कैडर की IPS अधिकारी बनीं ( Lady IPS Officer) और मुंबई में पुलिस उपायुक्त के रूप में सेवा की है. साल 1993-95 में उन्हें राज्य CID- Crime branch में तैनाती मिली. उन्होंने मुंबई में CBI (सीबीआई) के आर्थिक अपराध शाखा के साथ काम किया. वह नई दिल्ली में सीबीआई की भ्रष्टाचार ब्यूरो की महानिदेशक भी रहीं.
वहीं साल 2001 में मीरा बोरवणकर मुंबई की Crime Branch Department की पहली महिला मुखिया बनीं. पुलिस मेडल और महानिदेशक के सम्मान के अतिरिक्त उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए 1997 में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया.