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“लड़ाई अभी बाकी है हिसाब अभी बाकी है” अभिनव थापर की इस मुहिम ने कई लोगों को दी राहत

देहरादून : कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने जहां पूरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया तो वहीं दूसरी ओर इस संकटकाल को निजी अस्पतालों ने अवसर के रूप में लेते हुए चांदी बटोरी है। अपने चहीतो को मौत के मुहाने से वापस लाने के लिए लोगों ने जैसे -तैसे करके इलाज के पैसे जुटाकर निजी अस्पतालों को मुहं मांगे दाम दिए। संकटकाल में लूटमारी करने वाले ऐसे निजी अस्पतालों पर नकेल कसने के लिए समाजसेवी अभिनव थापर ने “लड़ाई अभी बाकी है हिसाब अभी बाकी है “अभियान चलाया। इस अभियान में कई लोगों को निजी अस्पताल में अतिरिक्त पैसे लौटाए। इसी कड़ी में देहरादून के रहने वाले नरेश बत्रा को भी देहरादून के एक निजी अस्पताल में ₹75000 लौटाए।

अभिनव थापर-फ़ाइल फोटो


नरेश बत्रा ने बताया कि उनकी माता राजकुमारी बत्रा और पुत्रवधू करोना संक्रमित हो गए थे जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें लाखों रुपए बिल के रूप में निजी अस्पताल को देने पड़े लेकिन जब उन्होंने अभिनव थापर के अभियान के बारे में सुना तो उन्होंने टीम से संपर्क कर आगे की कार्रवाई करते हुए उनके पैसे लौटा दिए।
नरेश बत्रा जैसे सैकड़ों लोगों की मदद करने वाले अभिनव थापर की इस मुहिम पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया । दरअसल ,अभिनव थापर ने करीब एक करोड़ कोरोना मरीजो के बिल वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी।

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