क्या है ऑपरेशन कालनेमी? रामायण काल से जुड़ा है नाम।

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दुनिया भर में ऐसे बहुत लोग हैं जो साधु की नकली वेश भूषा धारण कर के लोगों को लूट रहे हैं। इसको देखते हुए सीएम धामी ने ऑपरेशन कालनेमी 11 जुलाई से शुरू कर दिया है जैसा कि हम सबको पता ही है कि आज 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है और इस दौरान बहुत से लोग नकली साधु संत बन के लोगों को लूटते हैं। यह लोग साधु की तरह निकली दाढ़ी-मूंछ लगा के और भगवा रंग के कपड़े पहनकर भगवान के नाम पर ढोंग करते है। इसी को रोकने के लिए सीएम ने लॉन्च करा ये ऑपरेशन।

कैसे पड़ा इस ऑपरेशन का नाम कालनेमी

रामायण के समय में कालनेमी एक राक्षस का नाम था। जिसने नकली वस्त्र, दाढ़ी-मूंछ धारण कर के हनुमान जी के साथ छल करा था। हनुमान जी लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेने द्रोणकनगरी जा रहे थे क्योंकि मेघनाथ ने बाण चलाके लक्ष्मण जी को बेहोश कर दिया था। तभी रावण ने कालनेमी को हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए भेजा था। कालनेमी ने हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए एक मायावी साधु का वेश धारण कर हनुमान जी को भटकने की पूरी कोशिश करी थी लेकिन हनुमान जी धीरे-धीरे उसकी चालाकी समझ गए थे और उन्होंने तभी उस राक्षस को मार दिया था।

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ऐसे ही कुछ अब हो रहा है तो सरकार ने इसे खिलाफ एक सख्त एक्शन लिया। इन सब में खासतौर पर भोली भाली महिलाएं ज़्यादा फंसती हैं। इन सब से सनातन धर्म पर भी बहुत गलत असर पड़ रहा है। सरकार ने सनातन धर्म की संस्कृति की रक्षा और सामाजिक भाईचारे को बरकरार रखने के लिए ये एक्शन लिया है। जो कोई भी आस्था के नाम पर ढोंग करेगा उसको सख्त से सख्त सजा मिलेगी और उसके खिलाफ कार्यवाही भी होगी।

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