रिपोर्ट-हिना आज़मी
देहरादून /एच टी ब्रेकिंग डेस्क- आगामी 14 फरवरी को उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव आने वाले हैं जिसका प्रत्येक पार्टी बेसब्री से इंतजार कर रही थी । वही आचार संहिता भी लागू कर दी गई है जिसके बाद कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चुनावी रैलियां, रोड शो ,जनसभाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में राजनीतिक दलों के पास सिर्फ एक ही हथियार बचा है और वह है सोशल मीडिया। प्रदेश में करीब 28 लाख फेसबुक यूजर्स है इन तक पहुंच बनाने के लिए सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। अपनी पार्टी का वर्चुअली वर्चस्व बढ़ाने के लिए तमाम पार्टियों ने आईटी विशेषज्ञों की मदद लेना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया के संदर्भ में बात करें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 22 लाख फॉलोवर्स है तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीब साढ़े 14 लाख फॉलोवर्स है।
- Advertisement -
साल 2017 के बाद साल 2022 में उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव होने तो जा रहे हैं लेकिन उस पर कोरोना का काला साया मंडरा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग ने भी एहतियातन सही समय पर आचार संहिता लगाने के बाद जनसभाओं पर रोक लगा दी जिससे संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में गांव- गांव तक पहुंच बनाना और वर्चुअल संवाद करना सभी राजनीतिक दलों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं, लेकिन चुनावी इम्तेहान नजदीक है तो सपना सोशल मीडिया मजबूत करना हर पार्टी की प्राथमिकता बन गया है। नजर डालते हैं।
- Advertisement -
उत्तराखंड राजनीति के सोशल मीडिया टूल्स पर-
- उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश भर में 15 हजार से ज्यादा है व्हाट्सएप ग्रुप
- जिससे भारतीय जनता पार्टी की 15 लाख यूजर्स तक है पहुंच
- कांग्रेस के भी हैं करीब 15 हजार व्हाट्सएप ग्रुप
अब डालते हैं फ़ॉलोअर्स में सबसे आगे कौन-
- भाजपा के फेसबुक पेज पर हैं 268344 फ़ॉलोअर्स
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फेसबुक पर 2272627 फ़ॉलोअर्स
चुनाव में तीसरे विकल्प के रूप में उभर रही आम आदमी पार्टी सोशल मीडिया फॉलोवर्स पर नजर डालते हैं –
- आप के फेसबुक पेज पर 2,88 लाख फोलोवर्स
- कांग्रेस के फेसबुक पेज पर 83 250 फॉलोअर्स
- आम आदमी पार्टी इस मामले में कांग्रेस से आगे
- वर्चुअल रेस में उत्तराखंड क्रांति दल 4954 के साथ बहुत पीछे
सोशल मीडिया की रेस में इस तरह प्रत्येक पार्टी दूसरी पार्टियों को पछाड़ने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी वर्चुअली नवपरिवर्तन संवाद कर रही है जबकि कांग्रेस सरकार से एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म तैयार करने की मांग कर रही है ताकि सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को बराबरी का अधिकार मिल सके। वहीं भारतीय जनता पार्टी सोशल मीडिया और आईटी सेल से जुड़े कार्यकर्ताओं को साइबर योद्धा के रूप में उतार चुकी है और सोशल मीडिया प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक से नजर आ रही है। ऐसे में अब विधानसभा चुनाव के लिए सोशल मीडिया पर सियासी समझ छोड़ चुका है। सोशल मीडिया की रेस में भारतीय जनता पार्टी अव्वल है तो उत्तराखंड क्रांति दल जैसी पार्टियों को वर्चुअल प्रचार में पिछड़ने का डर है। फेसबुक पर भले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से आगे हो लेकिन ट्विटर के मामले में हरदा ने बाजी मारी है। मुख्यमंत्री धामी के ट्वीटर पर 12 1000 फॉलोअर्स हैं जबकि हरदा ने 382000 फॉलोवर्स के साथ बाजी मारी है। बरहाल सभी पार्टियां अपनी मजबूती की तैयारी में जुटी है लेकिन दुर्गम पहाड़ी इलाकों वाले उत्तराखंड जिसमें करीब 426 गांवों में आज भी मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है वह सभी राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।