देहरादून. वक्त के साथ-साथ कई बीमारियां आपको लग जाती है उनके इलाज के लिए आप दावों का सहारा लेते हैं ताकि आप सेहतमंद रह सके लेकिन अगर यही दवाइयां जहर बन जाए तो क्या किया? जी हाँ, नकली दवाइयां जहर की तरह ही काम कर सकती हैं. प्रदेश में नकली दवाओं के कारोबार का जाल फैलता जा रहा है. ऐसे अवैध व्यापार के लिए उत्तराखंड सॉफ्ट टारगेट बन गया है. यहां लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. एक तरफ रुड़की और इसके आसपास के इलाके में यह धंधा खूब फूल-फल रहा है. दूसरी ओर, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन इन धंधेबाजों के नेटवर्क खत्म नहीं कर पा रहा है.
यह भी पढ़ें-जनता दरबार में जिलाधिकारी ने सुनी जनता की फरियादें, अधिकारियों को दिए निर्देश
हाल ही में धर्मनगरी हरिद्वार में पकड़ी गई नकली दवा फैक्ट्री के मामले से विभाग पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्रियां बड़े पैमाने पर दवाइयां उत्पादित कर रही है फिर भी विभाग ने पकड़ नहीं पा रहा है, आखिर ऐसी फैक्ट्री का सत्यापन क्यों नहीं हो रहा है? कई सारे सवाल हमारे जहन में आते हैं लेकिन उनके जवाब नहीं मिल पाते हैं.