Uttarakhand: राज्य पक्षी मोनाल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

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उत्तराखंड का राज्य पक्षी मोनाल है। चलिए आज हम इसके बारे में कुछ बातें बताते हैं जो आप लोगों ने कभी नहीं सुनी होगी। मोनाल हिमायल में पाए जाने वाला पक्षी है जिसे दानफे भी कहते हैं। इसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का गौरव माना जाता है। मोनाल पक्षी बहुत ही रंग-बिरंगा और मनमोहक होता है। नर मोनाल मादा मोनाल से अधिक सुंदर होता है। नर मोनाल के पंखों में नीला, हरा, बैंगनी और तांबे जैसा चमकदार रंग होता है, गर्दन पर चमकदार नीले और हरे रंग का मेल दिखाई देता है जो सूरज की रोशनी से ओर अधिक चमकते हैं। मादा मोनाल का रंग भूरा और हल्का होता है, जो उसे जंगल में छिपने में मदद करता है। मोनाल की चोंच छोटी, टेढ़ी और मजबूत होती है, और सिर पर एक सुंदर कलगी होती है जो इसे और भी मनमोहक बनाती है। यह पक्षी आमतौर पर 2,100 से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं। मोनाल पक्षी ज्यादातर हिमालय के जंगलों, घास के मैदान और झाड़ियों वाले इलाके में रहता है। यह भारत के कई जगहों पर पाए जाते है जैसे कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, नेपाल और भूटान। ठंड के मौसम में यह पक्षी कुछ निचले क्षेत्रों में आ जाता है और गर्मी आते ही फिर से ऊंचाई की ओर लौट जाता है। इनका भोजन बीज, फल, कीड़े-मकोड़े, कंद और जड़ें होता है। यह जमीन खोदकर अपना भोजन निकालता है और उसकी चोंच इसी कार्य के लिए काम आती है। इनका प्रजनन का समय आमतौर पर मई से जुलाई तक होता है। मादा मोनाल अपना घोंसला बनाकर 3 से 5 अंडे देती है। मोनाल पक्षी को उत्तराखंड का राज्यपक्षी उसकी सुंदरता, सांस्कृतिक महत्व और हिमायली क्षेत्र में पाए जाने के कारण राज्य पक्षी घोषित किया गया। यह उत्तराखंड राज्य के लिए केवल एक पक्षी नहीं, बल्कि गौरव, सौंदर्य और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है।

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