देहरादून- 24जुलाई से उत्तराखंड में पंचायत चुनाव होने वाले है। मतदाताओं के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है, कई क्षेत्रों में मुसलाधार बारिश से सभी का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें टूटी हुई हैं, पुल बह गए हैं, और कच्चे रास्तों पर कीचड़ के कारण चलना भी मुश्किल हो सकता है। गांवों में हालात और भी खराब हैं, जहां तक न तो गाड़ी पहुंच सकती है और न ही कोई दूसरी सुविधा। ऐसे में पंचायत चुनाव में वोट देने के लिए लोगों का मतदान केंद्र तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बन सकता है। बुजुर्ग, महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और विकलांग मतदाता तो इन परिस्थितियों में बाहर नहीं निकल पाएंगे ।
प्रशासन को चाहिए कि वह हालात को देखते हुए तुरंत कोई सहायता कार्य शुरू करे। अस्थायी पुल, नाव या ट्रैक्टर जैसी अन्य सुविधाएं की जाएं ताकि लोग सुरक्षित रूप से मतदान केंद्र तक पहुंच सकें। साथ ही ज़रूरी हो तो चुनाव आयोग को कुछ क्षेत्रों में चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए, ताकि कोई भी मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रह जाए। लोकतंत्र की सफलता जनता की भागीदारी पर निर्भर करती है, इसलिए यह पक्का करना बहुत जरूरी है कि हर व्यक्ति सुरक्षित, सुविधाजनक और सम्मानजनक तरीके से अपने मत का प्रयोग कर सके और अपना प्रत्याशी चुन सके। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने सभी जिलों को आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने के लिए दिए आदेश। शासन से वार्ता के बाद जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।