बरसात में फंगल इंफेक्शन से हैं परेशान तो काम आएंगे ये जबरदस्त टिप्स-

बरसात में फंगल इंफेक्शन ( Fungal infection):  बरसात के दिनों में पर्यावरण में नमी होती है जिससे कई लोगों को बरसात में फंगल इंफेक्शन हो जाता है। फंगल इंफेक्शन किसी भी इंसान के शरीर के किसी भी हिस्सों में हो सकता है।

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बरसात में फंगल इंफेक्शन में किसी खिलाडी के पैर में हो जाता है जिसे एथलीट फुट कहा जाता है। वहीं बच्चे के मुंह में फंगल इन्फेक्शन (थ्रश) हो जाता है जबकि किसी महिला के प्राइवेट पार्ट में भी बरसात में फंगल इंफेक्शन हो जाता है।बरसात में फंगल इंफेक्शन के होने के पीछे कई तरह के कवक (फंगस) फंगल इंफेक्शन की वजह बन सकते हैं।

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बरसात में फंगल इंफेक्शन से पैर
बरसात में फंगल इंफेक्शन से पैर

सामान्यतौर पर आपके हमारे शरीर के ऊपर या अंदर नहीं होते बल्कि वह संक्रमण का कारण बन सकता है और कई बार फंगल आमतौर शरीर के ऊपर या अंदर होते हैं। वही संक्रमण का कारण बन जाते हैं।

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बरसात में फंगल इन्फेक्शन संक्रामक हो सकते है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकते हैं।
संक्रमित जानवरों या दूषित मिट्टी या सतहों से बीमारी पैदा करने वाली फंगल भी इन्फेक्टेड कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में, हम आपको बरसात में फंगल इंफेक्शन के कारण, बरसात में फंगल इंफेक्शन के लक्षण, इसका इलाज और घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं।

बरसात में फंगल इंफेक्शन का खतरा
बरसात में फंगल इंफेक्शन का खतरा

बरसात में फंगल इंफेक्शन के प्रकार-

बरसात में फंगल इंफेक्शन के कई प्रकार हो सकते हैं जो शरीर के अलग- अलग इतने में हो सकता है।

पैरों में होने वाला एथलीट्स फुट – बरसात के दिनों में यह पैरों में होने वाला एक नॉर्मल इंफेक्शन है जिसमें फंगस गर्म, मोस्चर एनवायरनमेंट जैसे जूते-मोजे बनने पर, स्विमिंग पूल या पानी मे ज्यादा रहने से फंगल तेजी से बढ़ते हैं। वजह है कि गर्मियों में और नम जलवायु वाली जगह पर यह पाए जाते है।

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त्वचा का कैंडिडा इन्फेक्शन – कैंडिडा एलबिकन्स, एक बहुत हानिरहित फंगस है जो मुंह, आंत्र पथ और योनि (प्राइवेट ) पार्ट में पाया जाता है। इसे यीस्ट संक्रमण भी कहा जाता है जो आमतौर पर स्किन, मुंह की श्लेष्म झिल्ली, पेट की आंतों या योनि में हो सकती है।

बरसात में दाद – गर्मी और बरसात में फंगल इंफेक्शन को हम दाद के रूप में भी देख सकरे हैं। यह त्वचा की ऊपरी सतह पर अक्सर लोगों में हो जाती है। इसके अलावा यह सिर, पैरों- जांघ और जन्नांगों के बीच के हिस्सों को इन्फेक्टेड करती है।

हाथ-पैर के नाखून में फंगस होना – यह एक सामान्य तरह का विकार होता है। यह नाखूनों को , दरारें युक्त,पीला, सफेद, कमजोर और मोटा बनाता है।

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बरसात में फंगल इन्फेक्शन अक्सर नाखूनों के ऊपरी हिस्सों को इफेक्ट करता हैं। नाखूनों का फंगस आमतौर में पुरुषों को या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है।

बरसात में फंगल इंफेक्शन से मुँह
बरसात में फंगल इंफेक्शन से मुँह

ओरल थ्रश या मुंह में फंगल इन्फेक्शन होना – मुंह में फंगल इन्फेक्शन, कैंडिडा नामक एक फंगस के कारण होता है। आपकी जीभ पर अगर बरसात में सफेद और अंदरूनी गाल पर हल्के पीले रंग की परत दिखाई दे तो यह ओरल थ्रश के लक्षण हो सकते हैं

बरसात में फंगल इन्फेक्शन के कारण –

बरसात में फंगल इन्फेक्शन होने की संभावना ज्यादातर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में होती है। बरसात में फंगल इन्फेक्शन, बीमारी बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण हो सकती है। अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो आपको बरसात में फंगल इन्फेक्शन का जोखिम ज्यादा है।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन से कैसे बचें ?

बरसात में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं, जैसे गंदगी से दूर पर्सनल हाइजीन को बनाये रखना, बरसात में पुराने जूते चप्पल न पहनने से बचना बरसात में फंगल इन्फेक्शन से बचा सकता है लेकिन याद रहे कि कोई भी एक टिप्स अकेला बरसात में फंगल इन्फेक्शन को नहीं रोक सकता है।

  • एथलीट फुट से बचने के लिए नियमित पैरों को साफ करें और नमी से बचाएं। प्रतिदिन जुराब बदलें।
  • अपने जूतों में प्रितदिन एंटी-फंगल पाउडर यूज करें।
  • किसी दूसरे के जूते- मोजे या कोई भी कपड़े आदि पहनने से बचें क्योंकि बरसात में फंगल इन्फेक्शन एक दूसरे से फैलता है।
    बरसात के पानी से अपने पैरों को बचा कर रखें।
  • दिन में दो से तीन बार अपने चेहरे को साफ पानी से धोते रहें और इसके साथ ही स्किन को ड्राई और साफ रखें।
  • अगर आपका वजन ज्यादा है तो आप अपनी त्वचा को अच्छी तरह से सुखाएं।
  • सूती इनरवेयर और ढीले कपड़े ही पहनें। अपनी रान को साफ और सूखा रखें, इस पर आप एंटीबैक्टीरियल पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • बरसात में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए नाखून बढ़ाने से बचें।अगर किसी शरीर के किसी हिस्से में बरसात में फंगल इन्फेक्शन हो जाए तो नियमित रूप से फंगसरोधी शैम्पू यूज करें।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन जांच कैसे होती है ?

बरसात में फंगल इन्फेक्शन हुआ है इसके लिए स्किन टेस्ट जरूरी है। इस टेस्ट के लिए शरीर के फंगल से इंफेक्टेड पार्ट से त्वचा पर होने वाली पपड़ी, नाखून की कतरनें और वहां के बालों के सैम्पल लिए जाते हैं।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन जानने के लिए ये टेस्ट करवाए जाते हैं –

ब्लड टेस्टफंगल इन्फेक्शन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है जिससे की इसके संभावित कारणों का पता लगाया जा सके।

इमेजिंग जांच – फेफड़ो में फंगल इंफेक्शन के फैल जाने पर एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन जैसे टेस्ट करवाए जाते हैं।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन का इलाज-

बरसात में फंगल इन्फेक्शन के प्रकार और एरिया जानकर
एंटीफंगल दवाओं से इसका उपचार किया जाता है जो बाजार में उपलब्ध हैं –

  • एंटी-फंगल क्रीम
  • एंटी-फंगल मरहम या ऑइंटमेंट
  • एंटी-फंगल लोशन
  • ओरल दवाएं
  • नसों में पहुंचाई जाने वाली दवाए

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1- बरसात में फंगल इन्फेक्शन अगर योनि में हो जाता है तो इसके लिए जैल या क्रीम का उपयोग किया जाता है।

2- मुह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए गले की खराश को दूर करने वाली गोलियां और अन्य टैबलेट दी जाती हैं। वहीं एंटीफंगल माउथ वॉश भी इस्तेमाल किया जाता है।

3- बरसात में फंगल इन्फेक्शन अगर पैरों में हो जाता है यानी एथलीट्स फुट होता है तो अक्सर स्प्रे, पाउडर और मलहम (लेप) से उपचार किया जाता है।

4- बरसात में फंगल इन्फेक्शन का गंभीर रूप अगर मुँह में नजर आता है तो ओरल दवाओं या नसों में दी जाने वाली दवाओं से इलाज किया जाता है।

बरसात में फंगल इंफेक्शन से बचने के घरेलू उपाय-

हल्दी

बरसात में फंगल इंफेक्शन से हल्दी बचाती है
बरसात में फंगल इंफेक्शन से हल्दी बचाती है

बरसात में फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए हल्दी सबसे बेहतरीन इनग्रेडिएंट है क्योंकि हल्दी में एंटीफंगल गुण होते हैं, इसलिए इसके इस्तेमाल से कई तरह के फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाते हैं।

बरसात में फंगल इंफेक्शन हो जाता है तो आप इंफेक्शन वाले स्थान पर कच्ची हल्दी को पीसकर लगा सकते हैं और अगर आपके पास कच्ची हल्दी उपलब्ध नहीं है तो आप हल्दी पाउडर को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर इसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर इसे भी इनफेक्टेड पार्ट पर लगा सकते हैं। हल्दी के इस्तेमाल से इंफेक्शन की वजह से होने वाले दाग-धब्बे जैसे निशान भी मिट जाते हैं।

लहसुन

बरसात में फंगल इंफेक्शन के लिए लहसुन
बरसात में फंगल इंफेक्शन के लिए लहसुन

लहसुन (Garlic for skin ) में भी एंटी फंगल प्रॉपर्टीज मौजूद होती हैं। इसलिए इसे खाने में प्रयोग से फंगल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। बरसात में फंगल इन्फेक्शन होने पर आप लहसुन की 3-4 कलियों को छीलकर पीस लें और इसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर इंफेक्शन वाली जगह पर लगाएं।अगर आपने इंफेक्शन वाली जगह पर लगाए। हो सकता है कि आपको लहसुन लगाने से एक मिनट हल्की-सी जलन महसूस हो लेकिन इससे इंफेक्शन ठीक हो जाएगा।

एलोवेरा जेल

बरसात में फंगल इंफेक्शन के लिए एलोवेरा
बरसात में फंगल इंफेक्शन के लिए एलोवेरा

बरसात में फंगल इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एलोवेरा रामबाण इलाज है। लेकिन इसके लिए ताजा तोड़े गए पत्ते का जेल अच्छा होता है। फ्रेश एलोवेरा लीफ लेकर उसे काट दें और जेल निकालकर त्वचा पर सीधे रगड़ें।
ऐसा करने के बाद बचे हुए रेशों को स्किन पर आधे घण्टे के लिए छोड़ दें फिर गुनगुने पानी से इसे धो लें इससे यह जल्द ठीक हो जाएगा।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है ?

बरसात में फंगल इंफेक्शन से इन्फेक्टेड हाथ
बरसात में फंगल इंफेक्शन से इन्फेक्टेड हाथ

कई लोगों ने हमसे सवाल किया है कि बरसात में फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है ? एक्सपर्ट की मानें तो फंगल इनफेक्शन सामान्य से गंभीर तक हो सकता है। यह कितने दिन में ठीक होगा यह इंफेक्शन की स्थिति पर निर्भर करता है। वहीं एक्सपर्ट मानते हैं कि 28 से 30 दिन में फंगल इन्फेक्शन समान्य तौर पर ठीक हो जाता है अगर सही इलाज और सावधानियां बरती जाएं।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन में कौन सा तेल लगाएं ?

सिर पर फंगल इन्फेक्शन हो या स्किन पर बरसात में फंगल इंफेक्शन हो जाए तो आप कोकोनट ऑयल, टी ट्री ऑयल या ऑलिव ऑयल का उपयोग कर सकते हैं जो अच्छे माने जाते हैं।

बरसात में फंगल इन्फेक्शन में कौन सी क्रीम लगाएं ?

बरसात में फंगल इंफेक्शन की दवाई
बरसात में फंगल इंफेक्शन

क्लोट्रिमेज़ोल क्रीम (Clotrimazole cream ), टेटमोसोल प्लस (Tetmosol Plus Cream), फंगि‌केट क्रीम (Fungiket) और पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी एक्स्ट्रा पावर (Patanjali Divya Kayakalp Vati Extra Power) जैसी दवाएं बरसात में फंगल इंफेक्शन के इलाज के लिए उपयोग में लाई जा सकती है लेकिन उससे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेने क्योंकि आपकी स्किन के प्रकार पर आपका ट्रीटमेंट निर्भर करेगा।

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