क्या है माता चंद्रबदनी के मंदिर की मान्यता?

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देहरादून/करिश्मा बागड़ी: आज हम आपको लेकर चल रहे हैं उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल ज़िले में बसे एक पवित्र और ऐतिहासिक मंदिर – चंद्रबदनी मंदिर की ओर।

यह मंदिर चंदरकूट पर्वत पर स्थित है और माँ दुर्गा के एक रूप माँ चंद्रबदनी को समर्पित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए लगभग 85 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।

मान्यता है कि जब देवी सती का शरीर भगवान शिव लेकर जा रहे थे, तब उनका एक अंग यहीं गिरा था। इसलिए इसे शक्ति पीठ भी कहा जाता है।

यहाँ तक पहुँचने के लिए काफ़ी चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन जब आप मंदिर में पहुँचते हैं तो वहाँ की शांति और माँ के दर्शन सब थकान दूर कर देते हैं।

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यहाँ हर साल नवरात्रों और त्योहारों पर दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। माँ से लोग अपनी मन की मुरादें मांगते हैं और ऐसा माना जाता है कि माँ सबकी इच्छाएं पूरी करती हैं नवरात्रों के समय यहाँ पर भंडारे का आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से लोग माँ चंद्रबदनी के दर्शन के लिए यहाँ आते हैं।मंदिर से चारों तरफ़ का नज़ारा बेहद सुंदर और मनमोहक दिखाई देता है। चंदरकूट पर्वत इतनी ऊँचाई पर स्थित है कि यहाँ से आसपास के पहाड़, घाटियाँ और दूर-दूर तक का दृश्य साफ़ देखा जा सकता है।

अगर आप भी एक शांत और पवित्र जगह जाना चाहते हैं, तो एक बार चंद्रबदनी मंदिर जरूर जाएं।

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