एनईपी-2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किये जाने पर बनी सहमति

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देहरादून. प्रदेश के राज्यकीय विश्वविद्यालयों और उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों में एनईपी-2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित करिकुलम लागू करना होगा। इसके लिये विश्वविद्यालयों को समितियों का गठन कर पाठ्यक्रम तैयार करना होगा। राज्य विश्वविद्यालयों में समय पर परीक्षा परिणाम घोषित हो इसके लिये परीक्षा मूल्यांकन प्रकिया को डिजिटलाइज़ किया जायेगा। प्रथम चरण में प्रत्येक विश्वविद्यालय को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिजिटल प्रक्रिया शुरू करेंगे। इसके साथ ही मानक पूर्ण करने वाले शासकीय और निजी शिक्षण संस्थानों को स्थाई सम्बद्धता प्रदान की जायेगी। इसके लिये एफिलिऐटिंग विश्वविद्यालय परीक्षण के उपरांत स्थाई मान्यता प्रदान करेगा।

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उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज दून विश्वविद्यालय परिसर में द्वितीय कुलपति गोलमेज सम्मेलन-2024 का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में एनईपी-2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किये जाने पर सहमति बनी। जिसे राज्य विश्वविद्यालय व उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों में लागू किया जायेगा। इसके लिये विश्वविद्यालय अपने स्तर से पाठ्यक्रम समितियों का गठन कर अलग-अलग विषयों का करिकुलम तैयार करेंगे।

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राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों में परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किये जाने के दृष्टिगत प्रत्येक विश्वविद्यालय प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक संकाय की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन डिजिटल माध्यम से करायेगा। उत्तर पुस्तिकाओं के डिजिटली मूल्यांकन के बेहतर रिजल्ट के दृष्टिगत इसे भविष्य में पूरी तरह से डिजिटलीकरण कर दिया जायेगा। इस सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि पांच साल पूरे कर चुके राजकीय महाविद्यालयों को सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने पर स्थाई मान्यता दे दी जायेगी जबकि निजी शिक्षण संस्थानों को सभी संसाधनों की उपलब्धता पर तीन वर्ष में स्थाई मान्यता दे दी जायेगी जिसका समय-समय पर विश्वविद्यालय द्वारा भौतिक परीक्षण भी किया जायेगा।

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